सूर्य ग्रह का परिचय



सूर्य खगोल की दृष्टि से पृथ्वी के सबसे निकट का तारा है| जो स्वयं के प्रकाश से प्रकाशमान है| अन्य ग्रह इसी के प्रकाश से प्रकाशित है| पृथ्वी से सूर्य की दूरी 9,26,57,57,209 मील है |
यह गैस पिंड है सूर्य का व्यास 8,64,000 मील है| पृथ्वी से इसका आयतन 13 लाख गुना और परिमाण 3 लाख33 हजार गुना है| सूर्य का नाभिकीय तापमान 4,00,00,000 F अंश है|
विज्ञान इसकी उत्पत्ति के विषय में अभी निश्चित तौर पर कुछ निर्णय नहीं कर पाया है| हिंदू वैदिक सूर्य को देवता साक्षात भगवान मानते हैं|
सूर्य के अन्य नाम भानु भास्कर प्रभाकर आदि है|

सूर्य सिंह राशि का स्वामी है ज्योतिष में सूर्य को पाप ग्रह मानते हैं|

मेष राशि में 10 उच्च का होता है, तुला राशि में 10 मैं सूर्य नीच का होता है|



सूर्य के उपाय

  • पिता का सम्मान करें | विष्णु जी की पूजा करें|

  • गुड़ गेहूं और तांबे का दान करें |

  • तांबे का सिक्का बहते हुए पानी में किसी भी रविवार के दिन बहाएं
  • (यह उपाय नक्षत्र में किया जाता है)

  • नित्य सूर्य आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ करें| सूर्य आदित्य हृदय स्तोत्र


  • नित्य सूर्य कवच का पाठ करें | सूर्य कवच


  • एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है|
    (इस रुद्राक्ष का संचालक ग्रह सूर्य है|


तांत्रिक मंत्र- ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
जपसंख्या 7000

लघु मंत्र - ॐ घृणि सूर्याय नमः



सूर्य का रत्न

सूर्य ग्रह का रत्न माणिक है |यह लाल रंग का होता है | माणिक का अंग्रेजी नाम रूबी (ruby) है | माणिक. कम से कम 6:15 रत्ती का पहने|
माणिक पहनने से पहले astromanu से कुंडली जरूर दिखवा लें| ( माणिक्य एक विशेष नक्षत्र में पहना जाता है)

सूर्य के उपरत्न- रोमनी, आलिया हैं |