मंगल ग्रह के उपाय

मंगल ग्रह का परिचय


मंगल ग्रह की बहुत सी बातें पृथ्वी से मिलती-जुलती है |
पृथ्वी के मध्य दूरी 48543000 मील है | मंगल का भूमध्य व्यास 4219 मील है|
मंगल सूर्य की परिक्रमा 15 मील प्रति सेकंड मध्य गति से चलकर 687 दिन मैं पूरी करता है|
ग्रहों में मंगल को सेनापति का दर्जा दिया गया है इसकी जाति क्षत्रिय है| मंगल ग्रह शक्ति का प्रतीक है |
वीरता, बल शास्त्र, युद्ध, संबंधी विषय वस्तु का विचार मंगल से किया जाता है|

मंगल ग्रह मकर के 28 अंश पर उच्च का होता है और कर्क राशि के 28 अंश पर परम नीच का होता है|

मंगल ग्रह के उपाय

  1. हनुमान जी की पूजा करें|
  2. हनुमान चालीसा का पाठ करें|
  3. मसूर की दाल बहते हुए पानी में बहाएं
    ( उपाय एक विशेष नक्षत्र में किया जाता है)
  4. हनुमान जी को मंगलवार के दिन लाल चोला चढ़ाएं |
    (पांच मंगलवार अवश्य यह उपाय करें)
  5. तीन मुखी रुद्राक्ष मंगलवार के दिन धारण करें |
    (रुद्राक्ष को धारण करने में नक्षत्र का विशेष महत्व है)

  6. प्रत्येक मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ करें

  7. प्रत्येक मंगलवार को मंगल कवच का पाठ करें |मंगल कवच

तांत्रिक मंत्र- ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः (जाप संख्या-10,000)
लघु मंत्र- ॐ अं अंगारकाय नमः

मंगल ग्रह का रत्न मूंगा है|मोती की भांति मूंगा भी खनिज रत्न नही मोती की समान यह भी समुंद्र में मिलता है|
मूंगा कम से कम 6:15 रत्ती का अवश्य पहनना चाहिए| मूंगे की अंगूठी अष्टधातु में या सोने में बनवानी चाहिए
(मूंगे की अंगूठी पहनने से पहले एस्ट्रोमनु से परामर्श अवश्य लें ले )

मूंगे की अंगूठी एक विशेष नक्षत्र में व मंत्रों द्वारा शुद्ध करके पहनी जाती है|