चंद्रमा ग्रह के उपाय


चंद्रमा का परिचय


चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है किंतु ज्योतिष में इसे भी ग्रह माना गया है पृथ्वी से चंद्रमा की मध्य दूरी 23,8 0000 मील है| चंद्रमा का व्यास 2160 मील है|
यह 12 राशियों की एक परिक्रमा 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट में पूरी करता है| चंद्रमा के अन्य नाम सोम, तारापति , शशि है |



चंद्रमा से मानसिक स्थिति का विचार करने के लिए देखा जाता है|
चंद्रमा मन और माता का प्रमुख रूप से कारक और स्त्री ग्रह है

चंद्रमा के नक्षत्र के आधार पर राशि का नाम का विचार किया जाता है|

चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है| वृष राशि में उच्च का होता है तथा वृश्चिक राशि में नीच का होता है|



चंद्रमा का परिचय

  1. माता का सम्मान करें

  2. शिव की आराधना करें| (रुद्राभिषेक कराएं)

  3. दो मुखी रुद्राक्ष धारण करें |

  4. चांदी का छल्ला पहने|

  5. चंद्र कवच का पाठ करें| चंद्र कवच

  6. चंद्रमा के मंत्र की माला करें |


चंद्रमा का मंत्र

तांत्रिक मंत्र-ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः जप संख्या- 11000
लघु मंत्र- ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः

चंद्रमा का रत्न-

चंद्रमा का रत्न सच्चा मोती है जो कि चांदी की अंगूठी में बनाया जाता है| मोती पहने से मन की एकाग्रता बढ़ती है| तथा मन को शांति मिलती है | मोती सफेद रंग का एवं साफ एवं दाग रहित होना चाहिए| मोती 6:15 रत्ती का अवश्य पहने |


नोट- मोती की अंगूठी पहनने से पहले एस्ट्रो मनु से जरूर परामर्श ले ले