नव ग्रहों शनि सूर्य से सबसे दूर का ग्रह है| शनि सूर्य से 88 करोड़ 61 लाख मील तथा पृथ्वी से 79 करोड़ 31 लाख43 हजार मील दूर है| शनि ग्रह का व्यास 75100 मील है| शनि 6 मील प्रति सेकंड की गति से अपनी कक्षा पर 29.5 वर्ष में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करता है|
फलित ज्योतिष में शनि का मंद ,सूर्य पुत्र भी कहते हैं|
शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है| तुला राशि के 20 अंश पर उच्च का होता है|
मेष राशि के 20अंश परम नीच का होता है| सूर्य के 9अंश पर अस्त हो जाता है|
शनि का मूलांक 8 है|
तांत्रिक मंत्र-
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः (जाप संख्या- 13000)
लघु मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः
शनि ग्रह का रत्न नीलम है| नीले रंग की क्रांति वाला पारदर्शी चमकीला रत्न है | नीलम में आकर्षण की विलक्षण शक्ति होती है|
किसी के भाग्य को अचानक बदलने में नीलम सकारात्मक व नकारात्मक दोनों रूप में सशक्त भूमिका निभाता है|
यह फकीर को करोड़पति एवं करोड़पति को फकीर बनाने में ज्यादा समय नहीं लगाता है|
इसीलिए नीलम को बड़ा सोच समझकर पहनना चाहिए|
बिना किसी परामर्श के नहीं पहनना चाहिए|नीलम बीमार व्यक्ति को ठीक कर देता है तथा स्वस्थ व्यक्ति को अचानक दुर्घटनाग्रस्त करके मृत्यु के द्वार तक पहुंचा देता है|
नीलम को पहनने से पहले इसको कम से कम तीन रातों तक अपने बाजू में बांधकर होना चाहिए|
अगर जातक को नींद अच्छी आती है तो तो नीलम पहनना चाहिए| और अगर रात में नींद अच्छी ना आए और बुरे सपने आएं नीलम को नहीं पहनना चाहिए|
नीलम बिना किसी परामर्श के नहीं पहनना चाहिए|
भारत में कश्मीर का नीलम सबसे उच्च क्वालिटी का माना जाता है| श्रीलंका के नीलम उत्तम होते हैं
कश्मीर के नीलम को मयूर नीलम कहते हैं मोर की गर्दन के रंग का होता है|