शुक्र ग्रह के उपाय



शुक्र का परिचय

शुक्र ग्रह की सूर्य के मध्य दूरी 6,72,00,000 है इस ग्रह को सभी ने देखा होगा| यह सूर्य उदय के पूर्व व सूर्यास्त के बाद पूर्वी व पश्चिमी आकाश मैं दिखता है|
शुक्र ग्रह को प्रभात व संध्या तारा के नाम से भी जानते हैं| शुक्र ग्रह लगभग पृथ्वी के बराबर है| यह 21.820 मील प्रति सेकंड की गति से 22.7 दिन में 12 राशियों का भ्रमण पूरा करता है|
शुक्र ग्रह की प्रकृति स्त्री है| यह जल तत्व है और शरीर में वीर्य का कारक है संसार में जितनी भी आमोद-प्रमोद भोग विलास की वस्तुएं एवं कलाएं है शुक्र इन सब का कारक ग्रह है शुक्र ग्रह की राशि वृषभ और तुला है मीन राशि के 27 उच्च कन्या राशि के 27 परम नीच का होता है

शुक्र ग्रह के उपाय-

  1. स्त्री का सम्मान करें

  2. लक्ष्मी की उपासना करें|(लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें)लक्ष्मी स्त्रोत

  3. स्फटिक की माला पहने|


  4. छह मुखी रुद्राक्ष धारण करें(रुद्राक्ष को एक विशेष नक्षत्र में पहना जाता है|)


  5. चावल वह चावल से निर्मित खीर का दान करें


  6. शुक्र कवच का पाठ करें| शुक्र कवच

शुक्र ग्रह के मंत्र

ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः (जाप संख्या-16000)
लघु मंत्र -ॐ शुं शुक्राय नमः

शुक्र ग्रह के रत्न:-


शुक्र ग्रह का रत्न हीरा है| यह दुनिया का सबसे कठोर खनिज है| सबसे अधिक कठोर चमकदार पारदर्शक बहुमूल्य खनिज और महारत्न है| हीरा कार्बन का रूप है|हीरे में अनुपम आकर्षण शक्ति है| एक और जहां इसके धारण करने से सौंदर्य व आकर्षण बढ़ता है| वहीं दूसरी ओर यह योवन भी बढ़ाता है| हीरा जल में किरण की बिखेरता है| हीरा कम से कम पांच कैरेट का पहनना चाहिए | हीरा सफेद सोने में पहनना चाहिए |
हीरे की अंगूठी को शुक्रवार के दिन शुक्ल पक्ष में एक विशेष नक्षत्र में मंत्रों के द्वारा शुद्ध करके ही पहनना चाहिए| हीरा बिना किसी ज्योतिषी के सलाह के नहीं पहनना चाहिए | हीरा सबसे अधिक महंगे रत्नों में से एक है| इसीलिए हीरे का उप रत्न सुनहला American diamondभी पहन सकते हैं| हीरा व सुनहला मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए|

शुक्र ग्रह की वनस्पति


गूलर शुक्र ग्रह की वनस्पति है|